West Bengal

तृणमूल में जाने के बाद बाबुल सुप्रियो ने बतायी बंगाल में भाजपा की हार की वजह

 

डेस्क: भारतीय जनता पार्टी से तृणमूल कांग्रेस में जाते ही बाबुल सुप्रियो के सुर बदले-बदले है. केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाये जाने के बाद से ही बाबुल राजनीति से अपनी दूरी बनाये हुए थे. हालांकि हाल में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने राजनीतिक टिप्पणी करनी शुरू कर दी है.

इसी बीच उन्होंने बंगाल में हुए ‍विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार की वजह बतायी है. उन्होंने कहा कि उन्होंने पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले लोगों को भारतीय जनता पार्टी में अंधाधुंध शामिल किए जाने का विरोध किया था और शायद इसका चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा. पिछले हफ्ते तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए सुप्रियो ने समाचार एजेंसी पीटीआइ-भाषा को दिये एक साक्षात्कार में कहा था कि इस मामले पर उनके विचार शायद भाजपा के शीर्ष नेताओं को पसंद नहीं आये.

रातों-रात बाहरी लोग पार्टी के नेता बन गये : बाबुल

उन्होंने कहा, ‘कई बाहरी लोग, जिनका भाजपा से कोई पुराना संबंध नहीं था, रातों-रात हमारी पार्टी के नेता बन गये और इसने विधानसभा चुनाव में हमारे प्रदर्शन को शायद प्रभावित किया. मैंने लोगों को उनके बीते हुए कल की जांच किये बिना इस तरह अंधाधुंध तरीके से शामिल करने का विरोध किया था, लेकिन मेरी बातों पर ध्यान नहीं दिया गया.’

After-joining-Trinamool,-Babul-Supriyo-told-the-reason-for-BJP's-defeat-in-Bengal

शीर्ष नेतृत्व को बयान पसंद नहीं आये

उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि चुनाव से पहले भाजपा में इस तरह के मामलों के विरोध में दिए गए मेरे बयान शायद शीर्ष नेतृत्व को पसंद नहीं आये.’ सुप्रियो ने कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष भी पार्टी की विधानसभा चुनाव में हार के लिए आंशिक रूप से जिम्मेदार हैं.

उन्होंने कहा, ‘चुनाव प्रचार के दौरान उनकी टिप्पणियां विद्यासागर, रवींद्रनाथ टैगोर और सत्यजीत रे की संस्कृति के साथ मेल नहीं खाती थीं और बंगालियों के लोकाचार से बिल्कुल अलग होती थीं. बंगाली जनमानस में पार्टी के पतन में यह भी एक कारण रहा.’

टीएमसी को कहा धन्यवाद

जुलाई में मंत्री पद से हटाये जाने के बाद राजनीति छोड़ने की घोषणा करनेवाले सुप्रियो ने कहा कि उनका मोहभंग हो गया और वह कला और संगीत को अधिक समय देना चाहते थे. उन्होंने कहा, ‘लेकिन, मुझे निश्चित रूप से सक्रिय राजनीति में लौटने की इच्छा थी और तृणमूल कांग्रेस से मुझे वह मौका मिला. मैं टीम में रहना चाहता था। मुझे वह मौका देने के लिए मैं टीएमसी को धन्यवाद देता हूं.’

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