बारासात: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के जन्मदिन पर परिवहन विभाग की ओर से उत्तर 24 परगना जिले के ऑटो चालकों को नयी सौगात देते हुए बार-बार आरटीओ के चक्कर काटने से राहत दी गयी है। जिले में अब से ऑटो रूटों का परमिट, परमिट रिन्यूअल सबकुछ ऑनलाइन हो पायेगा। इस बात की सूचना जिले के आरटीए सदस्य प्रियांगू पांडेय ने बुधवार को आरटीओ बारासात कार्यालय में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में दी।
उन्होंने कहा, अब तक जिले में ऑटो परमिट ऑफलाइन मिलता था, जिसके लिए आवेदक को बार-बार आरटीओ कार्यालय आना पड़ता था। अब वे घर बैठ कर ही अपने मोबाइल फोन से परमिट के लिए आवेदन लर पाएंगे। साथ ही फीस भी ऑनलाइन ही दे सकेंगे। अब ऑनलाइन ऑटो का रूट परमिट रिन्यूअल भी किया जा सकेगा। अब मोबाइल की मदद से parivahan.gov.in वेबसाइट पर उनका परमिट ऑनलाइन दिखेगा।
उन्होंने कहा कि पूरा विश्व तकनीक के माध्यम से कामकाज को सरल बनाने के लिए ऑनलाइन माध्यम को अपना रहे हैं। खासकर कोविड महामारी जैसी परिस्थिति में यह अनिवार्य हो चुका है। जिले में अन्य वाहनों का परमिट पहले से ही ऑनलाइन मिल रहा है। ऑटो का भी अब ऑनलाइन परमिट मिलने लगेगा। इससे ऑटो रूट को लेकर किसी तरह की समस्या नहीं रह जायेगी। कोई दूसरे रूट में जाकर ऑटो नहीं चला सकेगा।
पश्चिम बंगाल सरकार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में जनहित में काम कर रही है। सरकार हमेशा से लोगों को अधिक से अधिक सुविधा देने के लिए प्रयासरत है। जिले में 20 हजार के करीब ऑटो चल रहे हैं। वहीं 10 हज़ार करीब टोटो का रजिट्रेशन हुआ है, लेकिन इससे काफी अधिक चल रहे हैं। कोर्ट में टोटो से सम्बंधित मामला चलने के कारण नया रजिस्ट्रेशन या कार्रवाई नहीं हो पा रही है।
गौरतलब है कि राज्य परिवहन विभाग वाहनों के पंजीकरण, परमिट जारी करने, नवीनीकरण और हस्तांतरण की पूरी प्रक्रिया राज्यभर में ऑनलाइन करने की तैयारी में है।
श्री पांडेय ने बताया, नयी प्रणाली से वाहनों के ऑपरेटरों को अपने परमिट आवेदन जमा करने में और अधिक आसानी होगी। इसके अलावा, वे दलालों के उत्पीड़न से बच जायेंगे। अब परमिट लेने की ऑनलाइन प्रक्रिया निर्बाध होगी और इसे घर के आराम से संचालित किया जा सकता है।
राज्य सरकार ने पहले ही राज्य भर में एक पूर्ण ऑनलाइन वाहन पंजीकरण प्रणाली शुरू कर दी है। इससे न केवल खरीदार को बिना किसी रोक-टोक के वाहन खरीदने में मदद मिल रही है, बल्कि डीलरों को आरटीओ में आने से राहत मिल रही है।
उन्होंने कहा कि परमिट रीन्यूअल की प्रक्रिया को लेकर वाहन ऑपरेटरों का अनुभव बहुत कड़वा रहा है। पहले तो दलालों के बिना, नया परमिट मिलना ही मुश्किल था। रीन्यूअल के लिए भी काफी मशक्कत करनी पड़ती थी। उम्मीद है कि ऑनलाइन सिस्टम से हमें दलालों से निजात मिल जाएगी।’
अब तक, एक ऑपरेटर को आरटीओ में शारीरिक रूप से उपस्थित होने और नकद जमा करने और फिर फॉर्म जमा करने के लिए कतार में खड़े होने की आवश्यकता होती थी।
गौरतलब है कि मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत वाहनों को चलाने के लिए परमिट की आवश्यकता को अनिवार्य है।