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डेस्क: आने वाले साल में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं इसके लिए सभी पार्टियों ने जमकर तैयारी शुरू कर दी है। अलग-अलग पार्टियां अलग-अलग जातियों को निशाना बनाकर उनका दिल जीतने का कोशिश कर रही है। इसी बीच उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती ने भी मंगलवार के दिन लखनऊ में ब्राह्मण सम्मेलन का आयोजन किया था।
ऐसा कहा जा सकता है कि यह सम्मेलन मुख्य तौर पर उत्तर प्रदेश के सभी ब्राह्मणों के लिए किया गया था। इस दौरान उन्होंने कई बड़े फैसले किए। उनका कहना है कि बसपा “सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय” की सोच पर चलती है। उन्होंने ऐलान किया कि भाजपा सरकार के दौरान ब्राह्मणों पर हुए अत्याचार की जांच करवाई जाएगी। किसी भी अधिकारी के दोषी पाए जाने पर उन पर एक्शन भी लिया जाएगा।
ब्राह्मणों के मान-सम्मान का रखा जाएगा ध्यान
मायावती ने इस सम्मेलन के दौरान ब्राह्मणों को मान-सम्मान दिलाने की बात भी कही। साथ उन्होंने कहा कि बसपा राज में ब्राह्मणों की सुरक्षा पर पूरा ध्यान दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया है कि इस बार विधानसभा चुनाव के बाद बसपा को सत्ता में आने से कोई नहीं रोक सकता।
हजार ब्राह्मण कार्यकर्ता होंगे तैयार
मायावती ने आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश के हर क्षेत्र में 1000 ब्राह्मण कार्यकर्ताओं को तैयार करने की मुहिम शुरू की है। उनका कहना है कि सभी को एकजुट करके चलना होगा तभी आगे बढ़ पाएंगे। सभी ब्राह्मणों को संबोधित करते हुए यह दावा किया है कि बसपा की सरकार आने के बाद फिर एक बार ब्राह्मणों को ही प्रतिनिधित्व दिया जाएगा।
धर्म-जाति के आधार पर हम भेदभाव नहीं करते: मायावती
मायावती ने अन्य पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारी पार्टी अन्य पार्टियों की तरह धर्म और जाति की राजनीति नहीं करती है। उनका दावा है कि समाजवादी पार्टी ने सत्ता में आकर यूपी का माहौल बिगड़ा है। इसके बाद जो भी बचा था उसे भाजपा सरकार ने नष्ट कर दिया। उनका दावा है कि ब्राह्मण समाज के लोग भाजपा से मुक्ति मुक्ति चाहते हैं।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले सभी पार्टियां अलग-अलग जातियों का समर्थन पाने का प्रयास कर रही है। ऐसे में मायावती ने ब्राह्मणों का समर्थन पाने के लिए मंगलवार को ब्राह्मण प्रबंध सम्मेलन का आयोजन किया था।