डेस्क: 2011 में भंवरी देवी की ह’त्या हुई थी. इस ह’त्याकांड ने पूरी राजस्थान सरकार को हिला कर रख दिया था. ह’त्याकांड में राजनीति के बड़े धुरंधरों का नाम आया था. चर्चित भंवरी देवी अपहरण के बाद ह’त्या के मामले में राजस्थान हाइकोर्ट ने एक मुख्य आरोपी पूर्व कांग्रेस विधायक मलखान सिंह बिश्नोई को जमानत दे दी. हालांकि अन्य आरोपियों की जमानत नहीं मिली है. अन्य आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई 23 अगस्त तक के लिए टाल दी गयी है.
राजस्थान हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति दिनेश मेहता की सिंगल बेंच ने मामले की सुनवाई की थी. उनकी पीठ ने मंगलवार को मलखान सिंह बिश्नोई की जमानत अर्जी स्वीकार किया था. इसके बाद सुनावाई करते हुए उन्हें जमानत देने का निर्देश जारी किया.
महिपाल मदेरणा सहित नौ को मिल चुकी जमानत
मामले में 17 आरोपियों में से नौ को अब तक जमानत मिल चुकी है. इस मामले में मुख्य आरोपी पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा स्वास्थ्य कारणों से जमानत पर बाहर हैं. मामले में एक आरोपी परसराम को पिछले महीने उच्चतम न्यायालय ने जमानत दी थी. उच्चतम न्यायालय का कहना था कि दस साल होने आये हैं, लेकिन सुनवाई अब भी पूरी होती नहीं दिख रही.
उच्चतम न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए मलखान बिश्नोई के वकील ने अदालत में तर्क दिया कि मामले में सुनवाई में इतना लंबा समय लगा है और आरेापी पहले ही 10 साल न्यायिक अभिरक्षा में बिता चुका हैं. इस मामले में मदेरणा की जमानत याचिका भी उच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है. कुछ अन्य आरोपियों की याचिकाओं के साथ इस पर 23 अगस्त को सुनवाई होगी.
गौरतलब है कि नर्स भंवरीदेवी सितंबर 2011 में लापता हो गई थी. उसके पति अमरचंद ने आरोप लगाया कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार में जल संसाधन मंत्री मदेरणा के कहने पर भंवरी का अपहरण किया. बाद में अमरचंद भी इस मामले में संलिप्त पाया गया. मदेरणा व भंवरीदेवी की एक सीडी सार्वजनिक होने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मदेरणा को मंत्री पद से हटा दिया था. सीबीआइ ने दो दिसंबर 2012 को मदेरणा को गिरफ्तार किया.