डेस्क: पिछले कुछ समय से पंजाब में कांग्रेस का अंदरूनी कलह खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर के बीच के इस कलह को खत्म करने की कोशिश कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत लगातार कर रहे हैं। वह कांग्रेस अध्यक्ष सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर के बीच के विवाद को सुलझाने के लिए मंगलवार के दिन चंडीगढ़ पहुंचे थे। लेकिन इस दौरान उन्होंने कुछ ऐसा कह दिया जिस वजह से वह खुद विवादों में फंस गए।
उनके बयान के कारण हो रही उनकी निंदा
दरअसल, सिद्धू और कैप्टन के बीच सुलह करवाने पहुंचे हरीश रावत ने नवजोत सिंह सिद्धू और उनके चार कार्यकारी अध्यक्षों की तुलना सिख धर्म के महान “पंज प्यारों” से कर दी थी। इससे सिख धर्म के अनुयायियों को ठेस पहुंची है। इसके बाद से ही लगातार उनकी निंदा की जा रही है और उन्हें विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
विवाद को बढ़ता देख मांगी माफी
“पंज प्यारों” से संबंधित अपने बयान के बाद जब उन्होंने विवादों को बढ़ता देखा तो कुछ घंटों के अंदर ही उन्होंने ट्वीट करके अपने बयान पर माफी मांग ली। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “कभी आप आदर व्यक्त करते हुए कुछ ऐसे शब्दों का उपयोग कर देते हैं जो आपत्तिजनक होते हैं। मुझसे भी कल माननीय अध्यक्ष व चार कार्यकारी अध्यक्षों के लिए ‘पंज प्यारे’ शब्द का उपयोग करने की गलती हुई है।”
कभी आप आदर व्यक्त करते हुये, कुछ ऐसे शब्दों का उपयोग कर देते हैं जो आपत्तिजनक होते हैं। मुझसे भी कल अपने माननीय अध्यक्ष व चार कार्यकारी अध्यक्षों के लिए पंज प्यारे शब्द का उपयोग करने की गलती हुई है। मैं देश के इतिहास का विद्यार्थी हूंँ और पंज प्यारों के ….1/2 pic.twitter.com/63RLnF4L0U
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) September 1, 2021
वीडियो बनाकर माफी मांगने की हो रही मांग
आगे उन्होंने कहा कि पंज प्यारों की तुलना कभी किसी से नहीं की जा सकती है। उन्होंने अपनी गलती को मानते हुए लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए माफी भी मांगी। लेकिन उनके ट्वीट के रिप्लाई में कई लोग इसे ट्वीट करके माफी मांगने के बजाय वीडियो बनाकर माफी मांगने की मांग कर रहे हैं।
पूर्व मंत्री दिलजीत सिंह चीमा नेभी की निंदा
अकाली दल के प्रवक्ता और पूर्व मंत्री दिलजीत सिंह चीमा ने हरीश रावत द्वारा सिद्धू और उनके 4 वर्किंग प्रेसिडेंट की तुलना पंज प्यारों से किए जाने पर रावत की निंदा की। उन्होंने इस बात की मांग भी उठाई हरीश रावत अपने शब्दों को वापस लेते हुए सिख संगत से माफी मांगे।