डेस्क: बैरकपुर के सांसद अर्जुन सिंह को अपने ही गढ़ में बड़ा झटका लगा । अर्जुन के भतीजे सौरव सिंह, बहनोई सुनील सिंह और उनके बेटे आदित्य सिंह ने भी भाजपा से नामांकन के बाद पार्टी छोड़ दी। इन तीनों को इस बार भाजपा ने नॉमिनेट किया था। लेकिन उन्होंने शिकायत की कि वह भाजपा में काम नहीं कर सकते। इसलिए वे भाजपा छोड़कर जमीनी स्तर पर काम करने के लिए तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। हालांकि अभी तक अर्जुन ने इस घटना पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
टिकट मिलने के बाद भी छोड़ा दल
आदित्य, सौरव और सुनील तीनों को ही भाजपा ने टिकट दिया था। हालांकि, नामांकन दाखिल करने के बाद तीनों ने अपनी उम्मीदवारी ले ली। तीनों ने कहा कि जब वे भाजपा में थे तब वे पार्टी में व्यावहारिक रूप से कोई काम नहीं कर सकते थे। इसलिए वे शनिवार को तृणमूल कार्यालय गए और ज्योतिप्रिय मल्लिक, पर्थ भौमिक की उपस्थिति में तृणमूल में शामिल हो गए।
लम्बे समय से लगाई जा रही थी अटकलें
सूत्रों के मुताबिक सुनील सिंह ने हाल ही में तृणमूल से बातचीत शुरू की थी। उन्हें कई मौकों पर सत्तारूढ़ खेमे में भी देखा गया है। यहां तक कि सत्तारूढ़ दल के प्रति सुनील के “नरम रवैये” पर भी किसी का ध्यान नहीं गया। नतीजतन, पार्टी के भीतर उनके आंदोलनों की अटकलें शुरू हो गईं। ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि भाटपाड़ा-बैरकपुर के इलाके में अर्जुन सिंह का प्रभाव कम हो जाएगा।
भाटपाड़ा-बैरकपुर का इलाका, जिसे अर्जुन का गढ़ कहा जाता है, वहां की दरारों को पकड़ने के लिए जमीनी स्तर पर लंबे समय से काम चल रहा था। पर वह नहीं हुआ। इस बार सत्ताधारी खेमे को लगता है कि अर्जुन के करीबी रिश्तेदारों से जुड़कर बैरकपुर से बीजेपी सांसद को थोड़ा सा घेरा जा सकता है। हालांकि अभी तक तृणमूल या भाजपा की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। बीजेपी सांसद अर्जुन सिंह ने भी कोई जवाब नहीं दिया।