डेस्क: हमारे देश में एक तरफ जहां गाय को माता की तरह पूजा जाता है वहीं दूसरी तरफ गौहत्या एक बड़ी समस्या है। इससे बड़ी संख्या में लोगों के भावनाओं को ठेस पहुंचता है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस विषय पर कहा है कि गाय भारत की संस्कृति का अभिन्न अंग है और इस राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए। इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार को संसद में विधेयक लाने का सुझाव दिया है।
मुस्लिम शासन काल में जी गाय का था अलग महत्व
हाई कोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव के अनुसार केवल हिंदू ही नहीं है जो गाय के महत्व को समझते हैं बल्कि मुस्लिम शासन काल में भी भारत में गाय का महत्वपूर्ण स्थान था। उनके अनुसार गाय देश की संस्कृति है और संस्कृति को बचाने का काम देश के प्रत्येक नागरिक का है। ऐसे में हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के लिए एक विधेयक लाने का सुझाव दिया है।
बीफ खाना कभी भी मौलिक अधिकार नहीं
सुप्रीम कोर्ट के अनुसार बीफ खाने को कभी भी मौलिक अधिकार का दर्जा नहीं दिया जा सकता है। जबकि गाय के बुजुर्ग हो जाने के बाद भी वह काफी उपयोगी पशु है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि गौ हत्या पर इस्लाम शासकों ने भी अपने समय में प्रतिबंध लगाया था। इस दौरान उन्होंने मैसूर के नवाब हैदर अली का नाम लिया और बताया हैदर अली ने गौ हत्या को दंडनीय अपराध घोषित कर दिया था। जस्टिस शेखर के अनुसार गाय को नुकसान पहुंचाने की बात करने वालों को भी दंडित करने के लिए सख्त कानून बनाना चाहिए।
कांग्रेस ने भी किया तारीफ
इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले का कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने तारीफ करते हुए कहा कि भाजपा को हाईकोर्ट के सुझाव पर अवश्य विचार करना चाहिए। उनके अनुसार यूपी में गौ हत्या पर रोक लगाई गई है लेकिन देश के अन्य राज्यों में ऐसा नहीं है। ऐसे में केंद्र सरकार को संविधान सम्मत कानून लाना चाहिए ताकि पूरे भारत में गौ हत्या में प्रतिबंध लग सके।
भाजपा ने किया हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत
इलाहाबाद हाईकोर्ट के गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के सुझाव देने के बाद भाजपा नेता ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। यूपी सरकार में मंत्री मोहसिन रजा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के सुझाव पर अमल करने पर विश्व स्तर पर इसका प्रभाव देखने को मिलेगा। साथ ही उन्होंने यूपी में गौ हत्या पर रोक लगाने के लिए सीएम योगी को धन्यवाद भी कहा।