डेस्क: टोक्यो ओलंपिक 2020 के बाद अभी फिलहाल टोक्यो में पैरालंपिक का आयोजन किया जा रहा है जिसने भारतीय खिलाड़ियों के जलवे देखने को मिल रहे हैं। लगातार कई भारतीय खिलाड़ी स्वर्ण रजत व कांस्य पदक जीत रहे हैं। 29 अगस्त के दिन भाविना पटेल के रजत पदक जीतने के बाद से ही भारत का खाता खुल चुका था और अब यह रुकने का नाम नहीं ले रहा है। बीते दिन 30 अगस्त को सुमित अंतिल ने भाला फेंक एफ 64 प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता। जबकि देवेंद्र झाझरिया ने एफ 46 स्पर्धा में रजत पदक जीता। इसी स्पर्धा में सुंदर सिंह गुर्जर ने भी कांस्य पदक जीता।
जेवलिन थ्रो में भारतीय खिलाडी बेजोड़
नीरज चोपड़ा के ओलंपिक में जैवलिन थ्रो के खेल में गोल्ड जीतने और इसके बाद सुमित अंतिल के पैरालंपिक में जैवलिन थ्रो पर खेल में भी गोल्ड जीतने के बाद से ही अब यह कहा जा रहा है कि भाला फेंक के खेल में भारतीय खिलाड़ी बेजोड़ हैं। बता दें कि इन से भी पहले एक और ऐसे भारतीय खिलाड़ी हैं जिन्होंने भाला फेंक प्रतियोगिता में एक नहीं बल्कि 2 बार विश्व रिकॉर्ड बनाए।
देवेंद्र झाझरिया ने बनाया था विश्व रिकॉर्ड
टोक्यो पैरालंपिक 2020 में जैवलिन थ्रो में रजत पदक जीतने वाले देवेंद्र झाझरिया ने 2004 के एथेंस पैरालंपिक में 62.15 मीटर का थ्रो करके एक विश्व रिकॉर्ड बनाया था जिससे उन्होंने ही 12 साल बाद 2016 के रियो पैरालंपिक में तोड़ा। इस बार उन्होंने 63.97 मीटर का थ्रो करके एक और बार विश्व रिकॉर्ड बनाया। दोनों ही पैरालंपिक के खेलों में देवेंद्र झाझरिया ने गोल्ड मेडल जीते थे। लेकिन इस बार वह केवल रजत ही जीत सके।
सुमित अंतिल ने भी तोड़े सारे रिकॉर्ड
अब देवेंद्र झाझरिया के बाद एक बार फिर भारतीय खिलाड़ी सुमित अंतिल ने रिकॉर्ड को तोड़कर 2021 के टोक्यो पैरालंपिक 2020 में अपने पांचवें प्रयास में 68.55 मीटर का थ्रो करके एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया है। इस दौरान उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी मिचाल बुरियन और श्रीलंका के खिलाड़ी डूलान कोडिथुवाक्कू को हराकर स्वर्ण जीता। बता दें कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी ने 66.29 मीटर का थ्रो किया था। जबकि श्रीलंका के खिलाड़ी ने 65.61 मीटर का थ्रो किया।
भविष्य में इससे भी बेहतर थ्रो करेंगे सुमित
23 वर्षीय सोनीपत ने पहले 66.95 मीटर और फिर लगातार 68.08 65.27 66.71 और 68.55 मीटर का थ्रो किया। हालांकि उन्होंने अपने अंतिम थ्रो के साथ एक विश्व रिकॉर्ड बनाया लेकिन उनका यह थ्रो फाउल रहा। गोल्ड जीतने के बाद सुमित अंतिल ने बताया कि ट्रेनिंग के दौरान उन्होंने कई बार 71 से 72 मीटर तक भाला फेंका है लेकिन इस दौरान वह ऐसा नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि भविष्य में वह इससे कहीं बेहतर थ्रो करेंगे।