
डेस्क, कृषि कानून को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर 2 महीने से अधिक समय से किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. कृषि कानूनों के खिलाफ सोमवार को सिंधु बॉर्डर के नजदीक बैठक की गई बैठक के दौरान पांच से छः मुद्दों पर चर्चा हुई और महत्वपूर्ण फैसले भी लिए गए. संपूर्ण बातचीत के द्वारा किसान मोर्चा ने 6 फरवरी को दिन पूरे देश भर में चक्का जाम करने का ऐलान किया है.
आपको बता दें कि चक्का जाम का समय दोपहर 12:00 से 3:00 तक का तय किया गया है. किसानों का पुलिस पर आरोप है कि पुलिस बिना किसी कारण नौजवानों को परेशान कर रही है. उनका कहना है कि पुलिस बेवजह उनकी पिटाई और गिरफ्तारी कर रही है.
सूत्रों की माने तो इस मोर्चा के दौरान गणतंत्र दिवस के बाद किसानों के कई वाहनों और उनके ट्रैक्टरों को जब्त कर लिया गया है. इसके साथ ही बॉर्डर के आसपास के इलाकों को पूरी तरफ से ब्लॉक कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि धरना स्थल पर बिजली पानी और इंटरनेट सेवा को भी बंद कर दिया गया है.
जिसके विरोध में किसान मोर्चा संगठन ने फैसला लिया है कि 6 फरवरी के दिन देशभर के मुख्य सड़कों पर दोपहर 12:00 से 3:00 तक कोई भी गाड़ी नहीं चलने दी जाएगी।
11 दौर की बातचीत के बाद भी सरकार और किसान संगठनों के बीच कोई नतीजा सामने नहीं आया है. सरकार की तरफ से 11वीं बैठक में कृषि कानून को एक से डेढ़ साल तक स्थगित करने का प्रस्ताव दिया गया. लेकिन किसान कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं और उसके लिए लिखित गारंटी चाहते हैं.