डेस्क: किसान नेता के तौर पर राकेश टिकैत को जहां एक ओर किसानों का मसीहा समझा जा रहा है वहीं कुछ लोग किसान आंदोलन को बस एक नाटक मानते हैं। लेकिन किसान आंदोलन के एक और किसान नेता भानु प्रताप सिंह ने राकेश टिकैत के बारे में बड़ा खुलासा किया है। भानु प्रताप सिंह ने राकेश टिकैत को एक ठग कहकर संबोधित किया है।
उन्होंने राकेश टिकैत पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके द्वारा चलाए जा रहे किसान आंदोलन की फंडिंग कांग्रेस से आ रही है। उनका राकेश टिकैत पर आरोप है कि वह केवल अपनी राजनीति चमका रहे हैं और इसकी शुरुआत हुआ बहुत पहले से ही कर चुके हैं। उनका दावा है कि राकेश टिकैत ने आज तक कोई भी काम किसी को बिना ठगे नहीं किया है।
फंडिंग के लिए चला रहे हैं आंदोलन
भानु प्रताप सिंह ने राकेश टिकैत पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह केवल इसी कारण से आंदोलन को बंद नहीं कर रहे हैं क्योंकि ऐसा करने पर उन्हें मिलने वाले फंडिंग भी बंद हो जाएगी। उनका कहना है कि धरना स्थल पर उपस्थित सभी लोग असल में किसान नहीं है बल्कि सो ₹200 लेकर शराब पीने के लिए वह यहां आते हैं। उनका दावा है कि असली किसान राकेश टिकैत के हकीकत को जान गया है और अब धरना स्थल पर केवल शराब पीने और नोट लेने वाले लोग ही बचे हैं।
Farmer Leader exposing real face of Rakesh Tikait. pic.twitter.com/jw3F6rsMad
— Ankur (@iAnkurSingh) September 18, 2021
टिकट की खुली पोल
भानु प्रताप सिंह का कहना है कि राकेश टिकैत ने सड़कों पर पक्के मकान बनवा दिए हैं और वहां उनके लिए बोरे में भरकर काजू, बादाम, पिस्ता, किसमिस और शराब की बोतलें लाई जाती है। उनके अनुसार यहां पर स्थित सभी लोग केवल मजे करने के लिए ही अब तक यहां रुकी हुई है। असली किसानों ने कब का राकेश टिकैत का साथ छोड़ दिया है।
26 जनवरी के घटना के बाद भानु प्रताप ने छोड़ा साथ
किसान नेता भानु प्रताप सिंह का कहना है कि 26 जनवरी की घटना से पहले तक उनका गुट राकेश टिकैत के साथ शामिल था। लेकिन गणतंत्र दिवस के दिन लाल किले पर हुए घटना के बाद भानु प्रताप सिंह और उनका गुट इस आंदोलन से अलग हो गए थे। उनका कहना है कि उन्हें इस बात का पता चल गया था कि किसान आंदोलन के नाम पर राकेश टिकैत केवल अपनी छवि चमका रहे हैं।