डेस्क: पिछले कुछ समय से कृषि कानूनों के विरोध में देश में चल रहे आंदोलन से तंग आ चुके हैं। दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से कई लोगों ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को शिकायत भी किया है। मानवाधिकार आयोग से की गई शिकायत में बताया गया है कि किसान आंदोलन की वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
किसान आंदोलन की वजह से कई राज्यों में 9000 से भी अधिक उद्योग बंद हो चुके हैं। कई राज्यों के बॉर्डर को किसानों द्वारा बंधक बनाए रखने की वजह से लोगों को यातायात के लिए अधिक दूरी तय करनी पड़ रही है। कई जगहों पर आंदोलन होने की वजह से लोगों को घरों से भी नहीं निकलने दिया जा रहा है। साथ ही आंदोलन स्थलों पर को को’विड से संबंधित सारे नियमों की धज्जियां उड़ाने की शिकायत भी मानवाधिकार आयोग से की गई है
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने लिया एक्शन
इस पर एक्शन लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने चारों राज्यों के अधिकारियों को नोटिस भेजा है। इसके अलावा भी आयोग ने आर्थिक विकास संस्थान से भी 10 अक्टूबर तक किसान आंदोलन की वजह से उद्योगों में पड़ रहे प्रभाव से संबंधित एक रिपोर्ट मांगी है। बता दें कि पिछले साल नवंबर के महीने से ही किसानों ने सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर डेरा डाल रखा है।
कृषि कानूनों को करवाना चाहते हैं रद्द
किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार तीनों ने कृषि कानूनों को रद्द करें। जब तक केंद्र सरकार इन कानूनों को रद्द नहीं करेगी तब तक किसान अपना आंदोलन बंद नहीं करेंगे। केंद्र सरकार ने कुछ समय के लिए कृषि कानूनों को टालने की बात कही थी। लेकिन किसानों को यह मंजूर नहीं था। उन्हें चाहिए कि केंद्र सरकार इन कानूनों को पूरी तरह से रद्द कर दें।
किसानों ने बुलाया भारत बंद
इस विषय पर केंद्र सरकार द्वारा कोई प्रतिक्रिया ना मिलने की वजह से सभी किसानों ने 27 सितंबर को पूरा भारत बंद का आह्वान किया है। इसके लिए उन्होंने किसान संगठन की प्रत्येक इकाई से सहयोग देने की अपील की है। सभी इकाइयों को बंद को सफल बनाने की तैयारी में सभी लग जाने को कहा गया है। इसके अलावा किसान संगठन देशभर के सभी ट्रेड यूनियन, युवा संगठनव व्यापारी संगठन के साथ भी बैठक करने वाले हैं।