डेस्क: टोक्यो में चल रहे पैरालिंपिक में जैवलिन में कांस्य पदक जीतनेवाले सुंदर सिंह गुर्जर के लिए जन्माष्टमी काफी खास है. उन्होंने जन्माष्टमी के दिन ही देश के लिए भाला फेंक प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता है. जबकि इसी दिन पिछले साल उन्हें भगवान ने बेटे के रूप में उपहार दिया था. जी हां, सुंदर इस दिन को अपने जीवन का सबसे खास दिन मानते हैं.
सुंदर की जीत से करौली जिले के छोटे से गांव देवलेन में भी जश्न का माहौल है. उनके भाई हरिओम गुर्जर ने कहा ,‘पूरा गांव खुश है. उसे स्वर्ण की उम्मीद थी, हालांकि वह चूक गया.’
जन्माष्टमी सुन्दर के लिए ख़ास
हरिओम ने कहा ,‘सुंदर के दो बच्चे हैं और एक का जन्म पिछले साल जन्माष्टमी पर हुआ. वहीं इस जन्माष्टमी पर सुंदर ने देश के लिए पदक जीता.’ सुंदर की मां ग्राम पंचायत में सरपंच है.
उन्होंने बताया कि गांव भर के लोग या तो उनके घर पर टीवी देखने जमा थे या मंदिर में विशेष पूजा करके उसकी सफलता की कामना कर रहे थे. कांस्य जीतने के बाद मिठाइयां बांटी गई.
भालाफेंक में रजत जीतनेवाले देंवेद्र झाझरिया भी राजस्थान से हैं. मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत ने खिलाड़ियों को बधाई देते हुए स्वर्ण पदक पर तीन करोड़, रजत जीतने वाले को दो करोड़ और कांस्य जीतने वाले को एक करोड़ रुपये नकद पुरस्कार देने का ऐलान किया.