डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 मार्च मंगलवार के दिन फिनलैंड के प्रधानमंत्री से पहली बार वर्चुअल समिट के दौरान बातचीत की. वर्चुअल समय के दौरान कोरोना महामारी के कारण फिनलैंड में मारे गए नागरिकों के परिजनों संवेदना प्रकट किया.
फ़िनलैंड में कोरोना महामारी को जिस प्रकार सना ने हैंडल किया, इसके लिए मोदी ने उन्हें बधाई भी दी. साथ ही बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि मानव जाति बचाने के लिए प्रकृति से प्रेम करना जरूरी है. इस समिट में मोदी ने भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया से कोरोना को उखाड़ फेंकने के भारत के प्रयास के बारे में बताया.
हर संभव मदद कर रही है भारत
पीएम मोदी का कहना है कि शुरुआत में ही उन्होंने 150 से भी अधिक देशों में दवाइयों समेत कई आवश्यक सामग्री भेजकर अपना कर्तव्य निभाया. बाद में भारत ने 70 से अधिक देशों को कोविड वैक्सीन उपलब्ध कराया. उन्होंने कहा कि फिनलैंड भारत का बहुत पुराना सहयोगी राष्ट्र है, और भविष्य में दोनों देशों के बीच में संबंधों को मजबूत किया जाएगा.
मुंह दिखाने लायक नहीं रहे हम
इस समिट के दौरान मोदी ने कहा कि हम मुंह दिखाने लायक नहीं रहे ऐसा उन्होंने इसलिए कहा क्योंकि उनके अनुसार प्रकृति हमसे नाराज हैं और इसी वजह से प्रकृति से मुंह छुपाने के लिए हमें मास्क पहनना पड़ रहा है अतः हम मुंह दिखाने लायक नहीं रहे.
क्लाइमेट चेंज से लड़ने के लिए भारत का लक्ष्य
इस विषय पर उन्होंने आगे कहा कि भारत ने क्लाइमेट चेंज से लड़ने के लिए भविष्य के लिए कुछ लक्ष्य निर्धारित किए हैं उन्होंने बताया कि क्लाइमेट चेंज करने के लिए भारत ने 2030 तक 450 गीगावॉट इंस्टॉल्ड कैपेसिटी का लक्ष्य तय किया है साथ ही इस मुद्दे पर विश्व का सहयोग पाने के लिए इंटरनेशनल सोलर अलायंस, कोलिशन फॉर डिजास्टर रेजिलेंट इन्फ्राट्रक्चर को भी इनीशिएट किया गया है
फिनलैंड से की अपील
प्रधानमंत्री मोदी ने फिनलैंड के पीएम से इंटरनेशनल सोलर अलायंस का भागीदार बनने के लिए अपील भी की उन्होंने कहा कि फिनलैंड इस क्षेत्र में विश्व में सबसे अग्रणी है. ऐसे में फ़िनलैंड के अनुभव से पूरे संसार को फायदा हो सकता है इसलिए वे इस अलायंस से जुड़ें.