डेस्क: बंगाल विधान सभा चुनाव को ममता और मोदी के बीच एक जंग के तौर पर देखा जा रहा है. ऐसे में देश भर की सभी भाजपा विरोधी पार्टियां एकजुट हो गयी हैं. अब सभी विपक्ष की पार्टियां एक होकर ममता बनर्जी के लिए चुनावी सभाएं करेंगे.
इन पार्टियों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा, समाजवादी पार्टी सहित राष्ट्रीय जनता दल भी शामिल हैं. ये सभी पार्टियां एक साथ मिलकर बंगाल में ममता के लिए चुनाव प्रचार करेंगी. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की ओर से शरद पवार चुनाव प्रचार करेंगे.
इसीके साथ झामुमो से झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और आरजेडी नेता तेजस्वि यादव भी इस प्रचार में शामिल होंगे. हालांकि कांग्रेस नेता प्रदीप भट्टाचार्य ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार और आरजेडी प्रमुख तेजस्वी यादव को पत्र लिखकर तृणमूल के लिए चुनाव प्रचार न करने की अपील की है.
उनका कहना है कि बंगाल में स्टार प्रचारक के तौर पर उनकी मौजूदगी मतदाताओं में भ्रम पैदा कर देगी. दरअसल, बिहार में आरजेडी-कांग्रेस तथा महाराष्ट्र में एनसीपी और कांग्रेस ने शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाई है. ऐसे में उन्हें आशंका है कि कांग्रेस के यह दोनों सहयोगी बंगाल चुनाव प्रचार के दौरान उनके विरोधी के रूप में न नजर आए.
इसलिए प्रदीप भट्टाचार्य ने शरद पवार और तेजस्वी यादव को चुनाव प्रचार को टाल देने का सुझाव दिया है. आपको बता दें कि पहले कांग्रेस वामदल और आईएसएफ के साथ मिलकर गठबंधन बना रही थी, लेकिन अब उन्होंने यह विचार टाल दिया और तृणमूल के साथ आ मिला.
ऐसे में सवाल उठता है कांग्रेसी नेता प्रदीप भट्टाचार्य को यह आशंका पहले क्यों नहीं हुई जब कांग्रेस वाम दल के साथ गठबंधन बना रही थी? क्योंकि केरल में कांग्रेस वामदल के खिलाफ है.