दिल्ली के एनडीएमसी (NDMC) कन्वेंशन सेंटर में 23 दिसम्बर, 2023 को Let’s Inspire Bihar campaign के तहत में भारतीय पुलिस सेवा पदाधिकारी विकास वैभव के नेतृत्व में बिहारी बुद्धिजीवियों का बृहत समागम हुआ। इस समागम का मुख्या उद्देश्य 2047 तक एक ऐसे विकसित बिहार की स्थापना है जो शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी आगे होगा। “Let’s Inspire Bihar!” अभियान में बिहार के उज्ज्वलतम भविष्य निर्माण का का चिंतन-मनन करते हुए 76,000 से अधिक बिहारवासी स्वैच्छिक रूप से सकारात्मक योगदान समर्पित कर रहे हैं।
22 मार्च, 2021 को विकास वैभव के आह्वान पर यह अभियान प्रारंभ हुआ था। इसमें लघुवादों (जातिवाद, सम्प्रदायवाद इत्यादि) से उपर उठकर राष्ट्रहित में भविष्यात्मक दृष्टिकोण को अंतर्मन में स्थापित करने पर जोर दिया गया। साथ ही, शिक्षा, समता एवं उद्यमिता जैसे विकास के आधारभूत क्षेत्रों में बृहतर चिंतन के साथ योगदान करने की परिकल्पना सुनिश्चित हुई। इस परिकल्पना से प्रेरित होकर बिहार के अलग-अलग जिलों, भारत के महानगरों तथा विदेशों में भी अनेक व्यक्तियों द्वारा संगठित होकर योगदान समर्पित करने का प्रयास किया जा रहा है। कर्तव्यनिष्ठा के साथ अपने आचरण तथा विरासत में समाहित दृष्टि तथा प्रेरणा से प्रेरणास्त्रोत बनकर दूसरों को प्रेरित किया जा रहा है, ताकि उज्ज्वलतम भविष्य का निर्माण संभव हो सके।
अभियान के 1000 से अधिक कार्यक्रमों के पश्चात 10 दिसंबर 2023 को बेगूसराय से “नमस्ते बिहार” बृहत जन संवाद कार्यक्रम का प्रारंभ किया गया। इस कार्यक्रम में 50,000 से अधिक बिहारवासी सम्मिलित हुए और इसे बिहार के सभी जिलों में आयोजित करने की परिकल्पना है। अगला कार्यक्रम 21 जनवरी, 2024 को आरा में निर्धारित है जिसमें भी लोगों की ऐसी ही उत्साहपूर्वक प्रतिक्रिया देखने की सम्भावना है।
जाति, संप्रदाय, और लिंगभेद से उठाना होगा ऊपर: विकास वैभव
बिहार विजन काॅन्क्लेव 2047 के अवसर पर हजारों की संख्या में उपस्थित बिहारवासियों को संबोधित करते हुए विकास वैभव ने कहा कि कार्यक्रम में बिहार के तमाम ऐसे बुद्धिजीवी तथा उद्यमी व्यक्ति सम्मिलित हुए हैं जो अपने-अपने क्षेत्र में महारथ हासिल किए हुए हैं। बिहार 2047 तक विकसित राज्य बने, इसके लिए आवश्यकता होगी कि जाति, संप्रदाय, लिंगभेद आदि लघुवादों से परे उठकर सभी शिक्षा, समता और उद्यमिता के विकास हेतु योगदान करें।
बिहार में 30 वर्ष से कम 9 करोड़ युवा हैं जिन्हें अगले 2 दशकों में बिहार में ही उत्कृष्ट शिक्षा तथा उचित रोजगार की आवश्यकता होगी। इसके लिए उद्यमिता की क्रांति आवश्यक है। उन्होने अभियान के माध्यम से बिहार के हर जिले में अगले 5 वर्षों में युवाओं द्वारा ऐसे 5 सफल स्टार्टअप के विकास का लक्ष्य दिया जिनमें 100 से अधिक व्यक्तियों को रोजगार मिले । ऐसे स्टार्टअप से ही अन्य प्रेरित होंगे तथा एक चेन बनेगा जो बिहार में उद्यमिता की क्रांति का प्रारंभ करेगा।
उन्होंने कहा कि बिहार के उत्कृष्ट इतिहास की चर्चा अपने स्वत्व को जानने हेतु आवश्यक है। प्रत्येक बिहारवासी तथा अन्य राज्यों और विदेशों में रह रहे बिहारवासी से बिहार के लिए योगदान व प्रयास का आवाहन किया गया। अपने गाँव आदि में अपना कुछ योगदान देने पर तथा शिक्षा, प्रशिक्षण, कार्य अनुभव आदि बिहार में साझा करने जोर दिया गया। Job seeker से Job Creator के दृष्टिकोण में परिवर्तन हेतु सभी के सहयोग हेतु आवाह्न किया गया।
शिक्षा और उद्यमिता के विकास को देंगे प्राथमिकता
उन्होंने कहा कि बिहार का प्रमुख लक्ष्य उद्यमिता का विकास होना चाहिए, जिससे बिहार में नये स्टार्टअप के माध्यम से बिहार में रोजगार सृजन हो सके। सभी उद्यमियों से बिहार में उद्यम लगाने का भी आग्रह किया गया जिसके आलोक में उद्यमियों ने भी अपना उद्यम लगाने का आश्वासन दिया। इस मौके पर आलोक रंजन ने अभियान का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि पिछले ढाई वर्षों से बिहार में प्रदेश के प्रबुद्धजनों के आंशिक सहभागिता एवं विकास वैभव जैसे लोकप्रिय आईपीएस के आह्वान पर नव बिहार को संकल्पित एक सामाजिक अभियान चल रहा है जिसका उद्देश्य शिक्षा समता एवं उद्यमिता के क्षेत्र में सामूहिक परिवर्तन लाना है।
सभा में इस संकल्पना पर विचार विमर्श किया गया एवं प्रतिभागियों द्वारा अपने अपने विचार रखे गए एवं उन्होंने बिहार को नई ऊँचाई पर ले जाने के लिए हर संभव प्रयास की प्रतिज्ञा ली। वड़ोदरा अध्याय के संयोजक श्री मोहन कुमार झा एवं दिल्ली अध्याय के श्री इंद्र मोहन यादव एवं अनिल कुमार, रविन्द्र सिन्हा के संयोजन से कार्यक्रम का सफल आयोजन संभव हो पाया। ब्रिगेडियर श्री ए के सिंह, हास्य कवि शंभु शिखर, मौलाना कल्बे रुशैद रिजवी, श्रीमती सोनम मिश्रा, श्री नीरेन आनंद, श्री अमित ठाकुर, श्रीमति सिंगधा श्रीवास्तव, श्री अनिल कुमार झा, श्री इन्द्रमोहन यादव, आदि विशिष्ट अतिथियों की मंच पर उपस्थिति रही। कार्यक्रम में बिहार के ही नहीं विश्व के कई देशों से बिहार के उद्यमी, कई आईआईटियन भी सम्मिलित हुए।
इन मुख्य विषयों पर हुई गहन चर्चा:
1. बिहार IT/सोफ्टवेयर तथा मैनुफैक्चरिंग हब कैसे बने
2. फार्मेसी, शिक्षा तथा कास्मेटिक क्षेत्र में संभावनाएं
3. युवाओं का स्किल डेवलपमेंट तथा रोजगार सृजन
4. एमएसएमई
5. उद्यमिता के लिए इनक्यूबेशन सेंटर की आवश्यकता
6. कृषकों के लिए योजनाएं
7. SIDBI, NABARD, बैंकिंग संस्थानों द्वारा निवेशकों के लिए उचित वातावरण का निर्माण
8. उत्तर बिहार में बाढ़ नियंत्रण हेतु विचार
9. ग्रामीण शिक्षा का विकास
10. पर्यटन का विकास