डेस्क: उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोर शोर से हो रही है। लेकिन इस बार राजनीतिक दलों के लिए क्रिमिनल पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों को उतारना आसान नहीं होगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने यूपी विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया है जिसमें उन्होंने बताया कि राजनीतिक दलों को आपराधिक बैकग्राउंड वाले उम्मीदवारों की जानकारी अखबारों और टीवी चैनलों पर विज्ञापन के माध्यम से सार्वजनिक करनी होगी। इस बार कोई भी दल ‘जिताऊ’ दलील पेश नहीं कर सकता।
चुनावी तैयारियों का जायजा लेने पहुंची थी चुनाव आयोग की टीम
सूत्रों के अनुसार, यूपी में हो रहे चुनावी तैयारियों का मुआयना करने के लिए चुनाव आयोग की टीम 3 दिन के दौरे पर निकली थी। दौरे के आखिरी दिन गुरुवार को मंदिर लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस रखा जिसमें उन्होंने बताया कि सभी राजनीतिक दल चाहते हैं कि चुनाव समय पर हो। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों के संबंध में कहा कि उन्हें विज्ञापन के द्वारा अपने आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी सार्वजनिक करनी होगी।