डेस्क: शनिवार की रात को उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह का निधन हो गया था। बता दें कि आज उनका अंतिम संस्कार होना है। अंतिम संस्कार से पहले लखनऊ स्थित उनके आवास में उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था। जहां एक के बाद एक कई नेता उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंच रहे थे। इस दौरान बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित योगी व अन्य नेता भी वहां उपस्थित थे।
कल्याण सिंह का पार्थिव शरीर तिरंगे से लिपटा हुआ था जिसके ऊपर जेपी नड्डा ने उन्हें अंतिम बार श्रद्धांजलि देते हुए बीजेपी का झंडा रखा। उनके ऐसा करने के बाद से ही विपक्षी दलों ने राजनीति शुरू कर दी। तिरंगे के ऊपर बीजेपी का झंडा रखे जाने पर कई दलों के नेता आपत्ति जता रहे हैं। वह इसे मातृभूमि के अपमान से जोड़कर दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।
तृणमूल सांसद ने उठाए सवाल
तृणमूल सांसद सुखेंदु शेखर राय ने राष्ट्रध्वज के ऊपर बीजेपी के झंडे को तिरंगे का अपमान बताया उन्होंने बीजेपी पर तंज कसते हुए अपने ट्वीट में लिखा “क्या राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करना मातृभूमि का सम्मान करने का कोई नया तरीका है?” वहीं युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास ने इस पर सवाल उठाते हुए पूछा “क्या भारत के झंडे से ऊपर किसी पार्टी का झंडा रखना सही है?”
कल्याण सिंह की थी भाजपा के झंडे में लिपटकर जाने की इच्छा
एक बार उन्होंने खुद कहा था कि उनके रक्त के बूंद बूंद में संघ और भारतीय जनता पार्टी के संस्कार समाए हुए हैं। ऐसा कह कर उन्होंने अपनी इच्छा जताई थी कि उनके जीवन का अंत होने पर उनके शव को भारतीय जनता पार्टी के झंडे में लिपट कर ले जाया जाए। यही कारण है कि जेपी नड्डा ने उनके पार्थिव शरीर पर बीजेपी का झंडा रखा।
जानिए क्या कहते हैं नियम?
संविधान और कानून के विशेषज्ञ विष्णु शंकर जैन की मानें तो किसी सम्मानित व्यक्ति अथवा शहीद सैनिक के पार्थिव शरीर पर राष्ट्रीय ध्वज लपेटने का प्रावधान है। लेकिन ध्वज के ऊपर क्या रखा जाए या क्या नहीं रखें इसकी चर्चा ध्वज संहिता में नहीं की गई है।
यूपी सरकार ने लिए कई अहम फैसले
23 अगस्त की सुबह उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी की अयोध्या परिसर में राम मंदिर तक जाने वाले मार्ग का नाम कल्याण सिंह मार्ग रखा जाएगा। इसके साथ ही अलीगढ़ एयरपोर्ट का ही नाम बदलकर कल्याण सिंह के नाम पर रखा जाएगा। इसके अलावा कई अन्य मार्गों के नाम भी कल्याण सिंह के नाम पर रखे जाने का फैसला लिया गया है।