डेस्क: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में तालिबान का कब्जा किए जाने के बाद अब इस बात की भी पुष्टि हो चुकी है कि अलकायदा जैसे कई अन्य आतंकी संगठन भी अफगानिस्तान पहुंच चुके हैं। तालिबान की सहायता से ही सभी आतंकी संगठनों ने कई गांवों के पास अपना चेक पोस्ट बना लिया है।
बता दें कि तालिबान द्वारा लगातार अफगानिस्तान की जनता को भरोसा दिलाया जा रहा है कि उन्हें डरने की जरूरत नहीं है। तालिबान लगातार यह दावा कर रहा है कि वह किसी भी नागरिक नुकसान नहीं पहुंचाएगा। जबकि अफगानिस्तान से जारी हो रही तस्वीरें कुछ और ही कह रही हैं।
1600 से अधिक नागरिक वापस भारत लौटना चाहते हैं
जिस प्रकार अफगानिस्तान से लोग पलायन कर रहे हैं उससे तो ऐसा ही लग रहा है तालिबानी आतंकी काबुल में आतंक मचा रहे हैं। भारत सरकार ने पहले ही भारतीय वायुसेना के जहाज भेज कर अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास के कर्मचारियों और राजदूत को भारत मंगवा लिया है। इसके अलावा भी 1600 से अधिक भारतीय नागरिकों ने भारत वापस लौटने के लिए आवेदन किए हैं।
पाकिस्तानी आतंकी संगठन पहुंचे अफगानिस्तान
अधिकारिक सूत्रों की माने तो पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और लश्कर-ए-झांगवी सहित कई और संगठनों की मौजूदगी अफगानिस्तान में दर्ज की गई है। उन्होंने ऐसा तालिबान के सहायता से किया है। यह संगठन काबुल के बाहरी इलाकों में अपना गढ़ बना कर वहां के लोगों पर दबाव बनाने का काम कर रहे हैं।
पाकिस्तान सरकार ने किया समर्थन
एक तरफ तालिबान लगातार यह साबित करने की कोशिश कर रही है कि अफगानिस्तान के नागरिकों को उनसे कोई खतरा नहीं है वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान सरकार ने भी तालिबान को अपना समर्थन दे चुकी है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के अनुसार अफगानिस्तान को काफी लंबे समय के बाद आजादी मिली है।
पीएम मोदी ने दिया श्वासन
एक तरफ जहां पाकिस्तानी प्रधानमंत्री तालिबान और अलकायदा जैसे संगठनों का साथ दे रहे हैं वहीं भारतीय प्रधानमंत्री लगातार तालिबान की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने इस बात का आश्वासन दिया है कि जल्द से जल्द अफगानिस्तान में फंसे हुए सभी भारतीय नागरिकों को भारत ले आया जाएगा। साथ ही उन्होंने अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों को भी भारत में शरण देने की बात कही जिनमें सिख और हिंदू शामिल हैं।