डेस्क: 1 अक्टूबर को बिहार पंचायत चुनाव के दूसरे चरण के परिणाम आने के बाद यह साफ हो गया की जनता अब पुराने चेहरों को नापसंद कर चुकी है। अधिकांश इलाकों में उन्हें प्रत्याशी जीत कर सामने आ रहे हैं। इस दौरान 34 जिलों के 48 प्रखंडों के 693 पंचायतों में मतदान हुए। अधिकांश पंचायतों में नए उम्मीदवारों ने चुनाव जीता है।
एक तरफ यह चुनाव जहां नए उम्मीदवारों के पक्ष में रही वहीं कई पुराने मुखिया तथा सरपंचों को अपनी सीट गंवानी पड़ी। बिहार पंचायत चुनाव का दूसरा चरण पूरा हो चुका है। मतगणना के बाद परिणाम भी सामने आ चुके हैं। ऐसा लग रहा है मानो पुराने मुखिया, सरपंच व जिला परिषद के प्रति लोगों में काफी नाराजगी है और वह युवाओं को मौका देना चाहते हैं।
बात करें आंकड़ों की तो लगभग 80 से 90% नए चेहरे चुनाव जीत रहे हैं। अधिकांश सीटों पर मतदाताओं ने नए और युवा चेहरों पर अधिक भरोसा जताया है इसमें मधुबनी के पंडौल, समस्तीपुर का ताजपुर, पूर्वी चंपारण का मधुबन, सीतामढ़ी का चोरौत और दरभंगा का बेनीपुर व अलीनगर शामिल है। बिहार के जमुई जिला में भी एक मनरेगा मजदूर मुखिया का चुनाव जीतकर मुखिया बन गई है।
बिहार पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में कुल 71467 प्रत्याशियों ने भाग लिया था। इसमें से केवल 21131 प्रत्याशी ही विभिन्न पदों के लिए चुने गए। अभी भी कुल 9 चरणों के चुनाव होने बाकी हैं जिनमें कई प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होना है। तीसरे चरण का मतदान 8 अक्टूबर को होना है। जिसके लिए प्रचार का अंतिम तारीख 6 अक्टूबर है।