डेस्क: चुनाव की तारीख नजदीक आने के साथ ही बंगाल में चुनावी सरगर्मियां तेज होती दिखायी दे रही हैं। पर इन सबके बीच खास यह हुआ कि पिछले दिनों अपने चुनावी क्षेत्र नंदीग्राम से लौटते हुए ममता बनर्जी दुर्घटना की शिकार हो गयीं। उन्हें हास्पिटल में एडमिट होना पड़ा। ममता ने कहा, उन पर हमला हुआ। जबकि विपक्षी पार्टियां पूरे घटनाक्रम को चुनावी स्टंट बता रहे हैं। विपक्षी पार्टियों का कहना है कि दीदी ने चुनावी रण को जीतने के लिए व्हील चेयर का सिम्पैथी गेम खेला है। विपक्ष के इस आरोप में दम है या उनकी बातें निराधार है।
वहीं ह्वीलचेयर पर बैठी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तस्वीर आज काफी वायरल हो रही है, लेकिन क्या सचमुच मुख्यमंत्री बनर्जी को व्हीलचेयर की जरूरत है.
क्या यह महज लोगों की सहानुभूति पाने के लिए पहले से रची गई एक कहानी है? क्या इसकी पटकथा प्रशांत किशोर ने रची है? क्या ममता बनर्जी पर हमले की कहानी पूरी झूठी थी ? क्या यह वही फार्मूला है जो दिल्ली में तैयार किया था, जिसमें अरविंद केजरीवाल को थप्पड़ जड़े गए थे? स्याही फेंके गए थे?
ऐसा तो नहीं कि ममता बनर्जी को चुनावी सभाओं में, चुनावी रैलियों में, पद यात्राओं में अधिक चलना ना पड़े इसीलिए ह्वीलचेयर का सहारा दिया गया है ? यह सारे सवाल आज न सिर्फ बंगाल, बल्कि पूरे देश के लोगों के मन में हैं ?
ऐसे में एक बांग्ला फिल्म का एक वीडियो सोशल मीडिया में काफी वायरल हो रहा है, जिसमें नेता के किरदार में अभिनेता अपने सहयोगी से कहता दिख रहा है कि चुनाव आ रहा है और चुनाव से पहले मुझ पर हमले की व्यवस्था करवाओ. इसके बाद मुझे अस्पताल ले जाया जाएगा.
अस्पताल से ही मैं मीडिया को बाइट दूंगा और फिर अस्पताल से ह्वीलचेयर पर सवार होकर निकलूंगा और उसी व्हीलचेयर से चुनावी सभाओं में जाऊंगा. इससे लोगों की सहानुभूति मुझे मिलेगी और मैं जीत जाऊंगा. इसके बाद उसका सहयोगी उस राजनेता के उस आइडिया की तारीफ करते हुए दिखता है.
काफी बरसों पहले आई इस फिल्म के इस सीन से ममता बनर्जी की पूरी पटकथा मिलती है. विपक्षी पार्टियों के नेता भी ऐसा ही आरोप लगा रहे हैं.
पिछले दिनों केंद्रीय जल संसाधन मंत्री और भाजपा नेता ने ममता के चोट पर सवाल खड़े करते हुए पूछा था कि कहीं यह पूर्व निर्धारित तो नहीं?
बंगाल में सत्ताधारी पार्टी टीएमसी से लेकर बीजेपी, कांग्रेस और लेफ्ट सभी अपने अंदाज में लोगों को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहे हैं। बीजेपी ने जहां अपने सबसे बड़े चेहरे पीएम मोदी को भी इस चुनावी रण में उतार दिया है तो दूसरी तरफ टीएमसी की मुखिया और बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी चुनाव जोश खरोश के साथ चुनाव प्रचार कर रही हैं।
पर सवाल यह उठता है कि क्या व्हील चेयर का गेम सचमुच दीदी को जीत दिला सकता है। चुनावी पंडितों की मानें तो किसी भी चुनाव में सिम्पैथी एक महत्वपूर्ण चुनावी हथियार साबित हुआ है। चुनाव के दौरान होने वाली कोई भी घटना प्रत्याशी की हार जीत को प्रभावित करती है। फिर यहां तो मामला ममता बनर्जी का है। बंगाल में बड़ी संख्या महिला वोटर्स की है।
पश्चिम बंगाल में 7 करोड़ 32 लाख वोटर हैं। इनमें पुरुष वोटर 3 करोड़ 73 लाख हैं जबकि महिला वोटर्स की संख्या 3 करोड़ 59 लाख हैं। चुनावों में महिला वोटर्स ने जिस पार्टी पर अपना साथ दिखाया उसकी स्थिति मजबूत हो जायेगी। ऐसे में हर पार्टी के लिए महिलाओं को अपने साथ लाना बहुत जरुरी है। अब कि जब ममता दीदी चोटिल हैं तो महिलाओं की सहानुभूाति उनके साथ जुड़ सकती है।
बंगाल बीजेपी ने व्यंगात्मक लहजे में अपने ऑफिशियल ट्वीटर हैंडिल पर एक बंगला फिल्म का क्लिप पोस्ट किया है। जिसमें चुनाव के दौरान सिम्पैथी वोट बटोरने के लिए व्हील चेयर का सहारा लेकर या इस तरह के किसी घटना को अंजाम देने की बात की जा रही है। हालांकि ट्वीट में बीजेपी की ओर से वर्तमान की घटना को इस क्लिप का जुड़ाव महज एक संयोग बताया गया है।
इधर ममता बनर्जी पर कथित हमले को लेकर भतीजे अभिषेक बनर्जी ने बीजेपी पर हमला बोला है। अभिषेक बनर्जी ने कहा है कि 2 मई को बंगाल की जनता इस हमले का जवाब देगी। अभिषेक ने लिखा, ‘बीजेपी के लोगों 2 मई को बंगाल की ताकत देखने के लिए खुद को संभालो’ अभिषेक ने इसके साथ ही ममता बनर्जी का एक हास्पिटल वाली तस्वीर भी पोस्ट की है।