डेस्क: सीएम नीतीश कुमार और उनके मंत्री हर कार्यक्रम में जीरो टॉलरेंस की नीति का ढिंढोरा पीटते रहते है, जबकि सच्चाई यह है कि उन्हीं के अधिकारी एवं कर्मचारी उनकी इस नीति को विफल करने में लगे हुए है। इसी की बानगी है कि गुरूवार की सुबह विजिलेंस की टीम ने सीतामढ़ी के ड्रग इंस्पेक्टर नवीन कुमार को गिरफ्तार कर लिया। उन्हें एक दवा दुकानदार से दो लाख रूपये रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोचा गया। गिरफ्तारी के तुरंत बाद टीम उन्हें लेकर पटना रवाना हो गई।
बताया गया है कि शहर की एक दवा दुकान के भौतिक सत्यापन के नाम पर ड्रग इंस्पेक्टर नवीन कुमार ने रिश्वत के तौर पर 2 लाख रूपये की मांग की थी। मामले को लेकर दवा दुकानदार ने निगरानी विभाग से शिकायत की थी। विजिलेंस ने सत्यापन में शिकायत को सच पाया था। उसके बाद टीम ने दवा दुकानदार से मिलकर ड्रग इंस्पेक्टर को रंगे हाथों पकड़ने के लिए जाल बिछाया और उसी जाल में आज उन्हें फंसा भी लिया।
विजिलेंस की टीम ने ड्रग इंस्पेक्टर को आवास से ही दबोच लिया। ड्रग इंस्पेक्टर नवीन कुमार सीतामढ़ी शहर में ही किराए के मकान में रह रहे थे। बताया गया है कि ड्रग इंस्पेक्टर नवीन कुमार ने दवा दुकान के सत्यापन के नाम पर बतौर रिश्वत दुकानदार विनोद कुमार सिंह से 75 हजार रुपए और मुकेश कुमार से दो लाख रूपये की डिमांड की थी। एक दुकानदार मुकेश कुमार ने इसकी शिकायत विजिलेंस से की थी। उसी दुकानदार ने ड्रग इंस्पेक्टर को दो लाख रूपया दिया और विजिलेंस ने रंगे हाथों धर दबोचा। गिरफ्तारी के तुरंत बाद विजिलेंस की टीम ड्रग इंस्पेक्टर को अपने साथ लेकर पटना चली गई। इसी दौरान दूसरी टीम ने नवीन कुमार के पटना आवास में धावा बोला। बताया जा रहा है कि वहां से भी जेवरात और कैश बरामद हुए हैं।