डेस्क: बिहार के सभी 38 जिलों में किए गए सर्वेक्षण में लगभग 99% महिलाएं और 92.1% पुरुष शराबबंदी कानून का समर्थन किया और उनका मानना है कि शराबबंदी और अधिक सख्ती से लागू हो। जबकि 95% पुरुषों ने शराबबंदी के बाद शराब का सेवन बंद कर दिया।
इस सर्वेक्षण में 534 ब्लॉकों, 7,968 ग्राम पंचायतों और 33,805 गांवों और वार्डों से 5,47,586 महिलाओं और 4,74,881 पुरुषों सहित कुल 10,22,467 लोगों को शामिल किया गया है। चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (पंचायती राज चेयर) द्वारा पिछले साल दिसंबर और जनवरी 2023 में सर्वे किया गया था।
उन्होंने बताया कि 1 अप्रैल 2016 से पहले शराब पीने वाले 95.61% लोगों ने शराबबंदी कानून के बाद शराब पीना बंद कर दिया। इसी तरह शहरी इलाकों में शराबबंदी के बाद 96 फीसदी पीने वालों ने शराब छोड़ दी।
रिपोर्ट के निष्कर्षों से यह भी पता चला कि 87% लोगों का मानना है कि शराबबंदी के बाद घरेलू आय में वृद्धि हुई है जबकि सर्वेक्षण में शामिल 72% लोगों ने स्वीकार किया कि बढ़ी हुई आय अब बच्चों की शिक्षा पर खर्च की जा रही है। करीब 74% लोगों का मानना था कि शराबबंदी के बाद वे परिवार के साथ ज्यादा समय बिताते हैं।