West Bengal

प्रियंका टिबरेवाल आज से शुरू करेंगी प्रचार, लेकिन चुनाव से पहले उन्हें सताने लगा इस बात का डर

 

डेस्क: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद अब उपचुनाव की घोषणा होने पर फिर एक बार बंगाल का सियासी पारा काफी गर्म हो चुका है। कुल 3 सीटों पर उपचुनाव होने हैं लेकिन सभी का ध्यान भवानीपुर सीट पर ही टिका हुआ है क्योंकि इस सीट से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खड़ी हुई है। भाजपा ने भी इस सीट पर अपनी महिला उम्मीदवार प्रियंका केजरीवाल को खड़ा किया है।

पारदर्शी चुनाव ना होने पर जताया डर

आज से प्रियंका टिबरेवाल अपना चुनाव प्रचार शुरू करने वाली है। लेकिन इससे पहले उन्होंने पारदर्शी चुनाव नहीं होने का डर जताया है। उन्होंने कहा कि पुणे बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस की लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास नहीं है। उनका दावा है कि पिछली विधानसभा चुनाव के तरह ही इस बार विधानसभा उपचुनाव में भी पारदर्शिता के साथ चुनाव नहीं कराए जाएंगे।

शनिवार को कालीघाट की यात्रा पर थी प्रियंका

पिछले शनिवार प्रियंका कोलकाता के कालीघाट मंदिर की यात्रा पर गई थी वहां उन्होंने देवी काली की पूजा अर्चना की। पूजा अर्चना के बाद प्रियंका केजरीवाल ने बताया कि वह बंगाल के लोगों की सुरक्षा के लिए मां काली से प्रार्थना करने गई थी। इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तंज कसते हुए विधानसभा चुनाव के बाद हुए हिंसा की निंदा भी की।

मोदी से प्रभावित होकर राजनीति में आई

बता दें कि यह तीसरी बार है जब प्रियंका टिबरेवाल चुनाव लड़ने वाली है। इससे पहले भी वह दो बार चुनाव लड़ चुकी है लेकिन उन दोनों चुनावों में उन्हें भारी मतों से हार का सामना करना पड़ा। 2014 में वह वर्तमान प्रधानमंत्री वह तत्कालीन प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी से प्रभावित होकर भाजपा में शामिल हुई थी। 2020 में उन्हें पश्चिम बंगाल भारतीय जनता युवा मोर्चा का उपाध्यक्ष बनाया गया।

उपचुनाव में भाजपा की रणनीति

2014 से लेकर अब तक राजनीति में वह काफी सक्रिय रही है यही कारण है फिर एक बार भाजपा ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाने का फैसला लिया है। प्रियंका टिबरेवाल को भवानीपुर सीट से उम्मीदवार बनाने के पीछे यह भी कारण बताया जा रहा है कि वह सीट मारवाड़ी और गुजराती बहुल इलाका है। ऐसे में मारवाड़ी उम्मीदवार के होने से भाजपा को बढ़त मिल सकती है। लेकिन भाजपा की यह रणनीति काम आती है या नहीं यह 30 सितंबर के बाद ही पता चलेगा।

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