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मुकुल राय का बड़ा दावा, भाजपा के 24 विधायक हैं टीएमसी के संपर्क में

 

डेस्क: पश्चिम बंगाल में भाजपा को लगातार कई झटकों का सामना करना पड़ रहा है। पहले उपचुनाव के घोषणा के साथ ही भाजपा की बंगाल इकाई को पहला झटका लगा। फिर बीते दिनों सैकड़ों नेताओं और कार्यकर्ताओं के भाजपा छोड़ टीएमसी में शामिल होने पर भाजपा की बंगाल इकाई को एक और झटका लगा। अब मुकुल राय द्वारा किए गए दावे के कारण भाजपा को एक और झटका लग सकता है।

दरअसल, टीएमसी नेता मुकुल रॉय का दावा है कि भाजपा के करीब 24 विधायक उनके संपर्क में हैं। उनका कहना है कि टीएमसी में शामिल होने के इच्छुक भाजपा के विधायकों की संख्या काफी अधिक है। उनका यह बयान ऐसे वक्त में सामने आया जब पहले ही भाजपा के 3 विधायकों ने टीएमसी का दामन थामा था। ऐसे में 24 और विधायकों के टीएमसी में शामिल हो जाने से भाजपा की चिंता बढ़ सकती है।

पहले से लगायी जा रही थी अटकलें

भाजपा से तृणमूल में शामिल होने वाले तीनों विधायक के नाम सोमेन रॉय, विश्वजीत दास और तन्मय घोष हैं। बता दें कि यह तीनों विधायक मुकुल रॉय के काफी करीबी हैं। विधानसभा चुनाव में भाजपा के हारने के बाद मुकुल रॉय ने वापस टीएमसी में घर वापसी की थी। इसके बाद से ही लगातार अटकलें लगाई जा रही थी कि मुकुल राय के करीबी नेता कि उनके पीछे-पीछे टीएमसी में लौट सकते हैं।

लगातार कई विधायकों के भाजपा का साथ छोड़कर टीएमसी में शामिल होने के कारण पश्चिम बंगाल में भाजपा के विधायकों की संख्या केवल 71 रह गई है। ऐसे में यदि और विधायक भाजपा छोड़कर टीएमसी में शामिल होते हैं तो विधानसभा में भाजपा कमजोर पड़ सकती है। ऐसे में भाजपा ने पार्टी छोड़कर टीएमसी में शामिल होने वाली सभी विधायकों के खिलाफ दल बदल विरोधी कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है और उनपर कानूनी कार्रवाई करने की धमकी भी दी है।

TMC पर कानून उल्लंघन का लगाया आरोप

पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी इस विषय पर टिप्पणी करते हुए कहा है 213 सीटें जीतने के बावजूद टीएमसी की कोशिश विपक्षी दल के विधायकों को अपने दल में लाने की है। उन्होंने टीएमसी पर आरोप लगाया है कि सत्ताधारी पार्टी ने दल बदल विरोधी कानून का उल्लंघन किया है। गौरतलब है कि भाजपा के 3 विधायकों ने टीएमसी में शामिल होकर भाजपा के बंगाल इकाई को पहले ही झटका लगा है। ऐसे में टीएमसी नेता मुकुल राय द्वारा 2 दर्जन से अधिक विधायकों के उनके संपर्क में होने की बात भाजपा के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है।

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