डेस्क: मगध विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रोफेसर पुष्पेंद्र प्रसाद वर्मा के गिरफ्तारी की खबर सामने आ रही है। रजिस्ट्रार के साथ 4 पदाधिकारियों को भी विशेष निगरानी इकाई एसवीयू ने गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों के अनुसार, मगध विश्वविद्यालय में पुस्तक, उत्तर पुस्तिका और गार्ड की नियुक्ति को लेकर 30 करोड़ से भी अधिक की गड़बड़ी पाई गई है जिसके दोषी रजिस्ट्रार प्रोफ़ेसर पुष्पेंद्र प्रसाद वर्मा और 4 पदाधिकारी पाए गए हैं।
जांच के दौरान इन अधिकारियों की भागीदारी के प्रमाण भी प्राप्त हुए हैं। दरअसल, सोमवार को इन अधिकारियों को एसवीयू ने पूछताछ के लिए बुलाया था। हालांकि पूछताछ कई घंटों तक चली, लेकिन वह एसवीयू के सवालों का सही उत्तर नहीं दे पा रहे थे। बाद में देर शाम इन्हें हिरासत में ले लिया गया।
इन चारों अधिकारियों के नाम प्रोफेसर पुष्पेंद्र प्रसाद वर्मा, प्रोफेसर विनोद कुमार, प्रोफेसर जयनंदन प्रसाद सिंह और असिस्टेंट सुबोध कुमार हैं। प्रोफेसर पुष्पेंद्र प्रसाद वर्मा मगध विश्वविद्यालय के साथ-साथ आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के भी रजिस्ट्रार हैं। उन पर वीसी के इशारे पर फर्जी भुगतान करने का आरोप लगाया गया है। इसके अलावा पुस्तकालय प्रभारी प्रोफेसर विनोद कुमार के ऊपर ई-लाइब्रेरी के नाम पर फर्जी तरीके से बड़ी राशि खर्च करने का आरोप है।
साथ ही असिस्टेंट सुबोध कुमार एसवीयू द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी में नामजद हैं। बता दें कि विशेष निगरानी इकाई ने मगध विश्वविद्यालय में 30 करोड़ से अधिक की गड़बड़ी को लेकर एक प्राथमिकी दर्ज की थी जिसके बाद 17 नवंबर को उन्होंने छापेमारी की। दोषियों के आवास, कार्यालय और घरों में तलाशी ली गई जिसके दौरान 95 लाख कैश के अलावा विदेशी मुद्राएं, जमीन जायदाद के कागजात भी मिले।