डेस्क: राजधानी कोलकाता के शरत बोस रोड स्थित लैंसडाउन मार्केट इलाके से 12 दिसंबर, रविवार को लापता हुए बिहार के मधुबनी जिले के पंडौल थाना अंतर्गत नाहर गांव निवासी 15 वर्षीय किशोर मिथुन कुमार ठाकुर का छह दिन बाद भी कोई पता नहीं चल पाया है। इसके कारण गांव में उसके परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है। मिथुन कुछ दिनों पहले ही यहां अपने जीजा के पास पहली बार कोलकाता आया था।
महानगर में कोठी-बारी में काम कर गुजारा करने वाले उसके जीजा राजेश ठाकुर ने बताया कि कोलकाता आने के दो दिन बाद से ही मिथुन का कोई पता नहीं है। वह रविवार की सुबह घर से निकला, उसके बाद वापस नहीं लौटा।राजेश के मुताबिक, इसके बाद अगले दिन वे पहले बालीगंज थाने में शिकायत दर्ज कराने गए लेकिन वहां से उन्हें भवानीपुर थाने में जाने को कहा गया। फिर भवानीपुर थाना गए तो वहां भी लिखित शिकायत दर्ज नहीं की। थाना में मौखिक तौर पर उन्हें आश्वासन दिया गया कि उसे खोजने का प्रयास किया जाएगा।
कोई पता नहीं चलने पर वह फिर थाना गए लेकिन अब तक न तो शिकायत दर्ज करने से संबंधी कोई कागज दिया गया और न ही मिथुन का पता चल सका है। इसको लेकर गांव से लेकर यहां तक मिथुन के परिजन परेशान हैं। परिजनों ने खाना-पीना छोड़ रखा है। बता दें कि मिथुन बेहद गरीब परिवार से है। उसके पिता महेंद्र ठाकुर उर्फ सुखलाहा नाई (हजाम) का काम करते हैं और किसी तरह परिवार का भरण-पोषण करते हैं। पिता को अब कुछ सूझ नहीं रहा है कि वह करें तो क्या करें। वह सभी से अपने पुत्र की बरामदगी की गुहार लगाते फिर रहे हैं।